अरुंधति रॉय से इतनी नफ़रत क्यों?
अरुंधति रॉय केवल एक लेखिका नहीं, एक विचार हैं-जिससे कई लोग बहस करते हैं, और कई सिर्फ़ गाली देते हैं। आख़िर क्यों एक साहसी लेखिका, जिसने कश्मीर से लेकर नर्मदा घाटी तक आवाज़ उठाई, इतने तीखे घृणा की पात्र बनी? यह लेख उस राजनीतिक, सांस्कृतिक और मानसिक परत को खंगालता है जो एक विचारशील नागरिक को ‘राष्ट्रद्रोही’ मानता है।