
साहित्य
"दस्तावेज़" की पाँचवीं कड़ी लेकर आई है समकालीन हिंदी साहित्य की एक ऐसी प्रभावशाली आवाज़ से मुलाक़ात, जिन्होंने ग्रामीण यथार्थ, जातीय संघर्ष, स्त्री चेतना, और सामाजिक बदलाव को अपनी कहानियों का मूल स्वर...
स्वाहा – In the Name of Fire" अभिलाष शर्मा की स्वतंत्र मगही फिल्म है जो दलित विमर्श, लिंचिंग, अंधविश्वास और ग्रामीण सामाजिक बहिष्कार को संवेदनशीलता से चित्रित करती है।निर्देशक अभिलाष शर्मा की स्वतंत्र...
‘दस्तावेज़’ एक साक्षात्कार श्रृंखला की इस यात्रा की अगली कड़ी हमें ले जाती है उस स्त्री स्वर तक, जिसने नारी अस्मिता, ग्रामीण जीवन और सामाजिक विद्रोह को अपने शब्दों में अनसुनी तीव्रता के साथ रूपायित...
'दस्तावेज़' की यह तीसरी कड़ी एक ऐसी कवयित्री की ओर हमें ले जाती है, जिनकी लेखनी में अनुभव, विमर्श और संवेदना का अनूठा संगम है-अनामिका।
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में जन्मी और दिल्ली में शिक्षित अनामिका न...
अरुंधति रॉय केवल एक लेखिका नहीं, एक विचार हैं-जिससे कई लोग बहस करते हैं, और कई सिर्फ़ गाली देते हैं। आख़िर क्यों एक साहसी लेखिका, जिसने कश्मीर से लेकर नर्मदा घाटी तक आवाज़ उठाई, इतने तीखे घृणा की...
10 फरवरी 2019 को दस्तावेज़ की यह यात्रा पहुँची एक ऐसे कवि के पास, जिनकी कविता हिंदी साहित्य के सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय सरोकारों की एक सशक्त गूंज बन चुकी है-राजेश जोशी। यह दूसरा एपिसोड एक संवाद...
दस्तावेज एपिसोड 01: ममता कालिया से संवाद
9 सितम्बर 2018 को ‘दस्तावेज़’ की यह मौन यात्रा अपने पहले पड़ाव से आरंभ हुई-ममता कालिया के साथ एक गहरी, आत्मीय और संवेदनशील बातचीत के रूप में।
‘दस्तावेज़’ केवल...
"दस्तावेज़" केवल एक साहित्यिक साक्षात्कार श्रृंखला नहीं, बल्कि एक ध्यानपूर्ण यात्रा है , उन मौन क्षणों की ओर जहाँ कवि और कलाकार जन्म लेते हैं। राजेश जोशी, अनामिका और नरेश सक्सेना जैसी आवाज़ों के साथ...